समर कैंप में बच्चे अपनी मातृभाषा उरांव, मुंडा, संथाल, ओलचिकी लिपि सीख रहे हैं
हजारीबाग। आदिवासी केंद्रीय सरना समिति एवं यंगब्लड आदिवासी समाज सह ऑल संथाल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा जनजातीय भाषा साहित्य,कला संस्कृति प्रशिक्षण समर कैंप का सरहुल मैदान स्थित धूमकुरिया भवन में केंद्रीय अध्यक्ष मनोज टुडू के नेतृत्व में चल रही है।
इस अवसर पर यंगब्लड आदिवासी समाज सह ऑल संथाल स्टूडेंट्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज टुडू ने बताया कि यह समर कैंप 21 मई से लेकर 18 जून तक चलेगा।जिसमें प्रत्येक दिन शारीरिक मानसिक बौद्धिक जनजातीय भाषा एवं लिपि,कला संस्कृति डांस ,ड्राइंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शारीरिक विकास के लिए योग, स्पोर्ट्स एवं शारीरिक व्यायाम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मानसिक विकास के लिए ध्यान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बौद्धिक विकास के लिए प्राणायाम की शिक्षा दी जा रही है और यह सफल तभी होगा जब हमारा सोना जागना खाना-पीना घूमना फिरना सभी कार्य समय अनुसार होगी।
बच्चों को बताया गया कि भगवान हमारे अंदर ही है जब अपने पांचों इंद्रियों को जागृत कर लेते हैं तो छः इंद्रियां स्वत: खुल जाती है।बच्चों को समय का महत्व को विशेष रूप से बताया जा रहा है क्योंकि समय से बड़ा बलवान एवं कीमती दुनिया में कुछ नहीं है इसलिए बच्चों को समय का सदुपयोग बनाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।अपने सरना पूजा स्थल धर्मस्थल को सुंदर बनाने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में बच्चों ने सरना स्थल में वृक्षारोपण किया। साथ ही साथ अपने पूजा स्थल की साफ-सफाई की।
इस समर कैंप में बच्चे अपनी मातृभाषा उरांव, मुंडा ,संथाल , ओलचिकी लिपि को सीख रहे हैंइसी कार्यक्रम के तहत उरांव कुरुख भाषा का इंप्रूवमेंट टेस्ट लिया गया बच्चों का जिसमें टीचर के रूप में में जीत वाहन भगत एवं महेंद्र कुजुर बच्चों को दिशा निर्देशित कर रहे थे।जो बच्चों ने टेस्ट में अच्छा किया है उसे प्रोत्साहन के रूप में सरप्राइज गिफ्ट दिया गया।इस समर कैंप का मुख्य कार्यक्रमजनजातीय भाषा : संताली ,मुंडारी एवं कुरुख, हो खड़िया भाषा को युवा पीढ़ी को सिखाना, संथाली ओलचिकी लिपि को सिखाना सभी सभी जनजातीय समुदाय का उद्गम , विस्तार एवं विकास का इतिहास ,नृत्य संगीत ,पर्व त्यौहार ,जन्म ,विवाह ,मरण ,एवं अन्य पूजा पद्धति की विधि विधान को विस्तार पूर्वक से जानकारी देना और युवा पीढ़ी को अपने भाषा लिपि कला संस्कृति के प्रति प्रेम को हृदय में सम्मिलित कर इसका विकास कराना है।साथ-साथ जनजातीय समुदाय को स्टार्टअप इंडिया के तहत बिजनेस के प्रति प्रेरित करना।
युवाओं को स्पोर्ट्स, ड्राइंग ,डांस, वाद विवाद प्रतियोगिता ,सिंगिंग ,स्टार्टअप बिजनेस के लिए भी प्रेरित करने की बात की गई। समर कैंप में आदिवासी केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष महेंद्र बैक, कोषाध्यक्ष जीत वाहन भगत संरक्षक महेंद्र कुजुर, फुलवा कच्छप, सुनील लकडा,अजय टोप्पो ,महेंद्र टोप्पो ,बिरसा मुंडा, प्रीतम, उरांव, सभी लोग का महत्वपूर्ण योगदान है
इस समर कैंप में अविनाश करकट्टा अनुज कचछप, पीहू कुजूर, पीहू ,दीपिका ,निधि, निशांत, रमेश हेमरोम रामकिशोर मुर्मू ,बबलू मुर्मू, नाइके विकास टुडू ,प्रदीप मुर्मू ,राहुल टुडू दुर्गा सोरेन ,हरीश मुर्मू, सोमवेल, अजीत मुर्मू ,अनिल टुडू ,लालजी सोरेन, बाबूराम हसदा ,मिसिल किस्कू, रेशमी टोप्पो ,अनीशा टोप्पो, रीना सोरेन, सुषमा मुर्मू ,ज्योति टुडू, प्रियंका हसदा, सीमा तिर्की ,संजू मरांडी, आरती मुर्मू, सोभा प्रिया टोप्पो, खुशबू कलको, रिंकी बेसरा ,प्रमिला मुर्मू ,गीता मुर्मू, मनीता किस्कू, एंजेल करकेटा, निशा कचछप ,लक्ष्मी खलखो, संगीता मुर्मू, मीराटुडु संध्या , कांति, सुसाना एक्का, संगीता लिंडा, हर्षिता तिर्की , ,पूजा टुडू मैक्सिमा सोरेन, निशा हसदा, राहुल सोरेन, अंजली , निखिल कछप, सोनाली टोप्पो अदिति राव ,ऋषिकेश , हेमंत कुजूर शालिनी कुजूर ,अरुण बेक, दिनेश उरांव ,मनीष तिर्की आदर्श , मनु तिर्की ,महिंद्रा कुजूर, मोहित खलको निखिल खलको ,धीरज, अविनाश , रंजना , अनीशा तिर्की , पूर्णिमा तिर्की, आसमान कुजूर ,समीर , निशांत, टोप्पो ,पवन, प्रगति कुजूर, निधि ,अमन कछयप, दीपिका आदि शामिल हुए